DiscoverHarshvardhan JainSupportive or Suspected ? | सहयोगी बनो संदिग्ध नहीं | Harshvardhan Jain
Supportive or Suspected ? | सहयोगी बनो संदिग्ध नहीं | Harshvardhan Jain

Supportive or Suspected ? | सहयोगी बनो संदिग्ध नहीं | Harshvardhan Jain

Update: 2023-03-18
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Description

Be supportive to support yourself for the expansion of your future. Don't be a suspected person to get great success. Your character is the mirror of tomorrow. Try to create a long lasting impression wherever you meet someone.






सत्य से संभावनाओं के द्वार खुल जाते हैं। सत्य से ही विश्वास का महल बनता है। बड़ी सफलता पाने के लिए विश्वास की बड़ी लकीर खींचनी पड़ती है। आप जिस व्यक्ति से मिलें, उसके साथ विश्वास की अजेय बढ़त हासिल करने की कोशिश करें। अपने आचरण और व्यवहार से एक अलग छवि प्रस्तुत करें। आप जिस तरह से लोगों से बात करते हैं, वही शैली लोगों के मन में समा जाती है। आप जिस तरह के नजरिए पर फोकस करते हैं, वही नजरिया आपके व्यवहार से झलकता है। लोगों से मिलते समय आप विश्वास की सीमाओं का उल्लंघन ना करें। आप उतना ही बोलें, जितना आप विश्वास करते हैं क्योंकि सच की गूंज बहुत दूर तक सुनाई देती है। जब आप लोगों के साथ अलग अंदाज में बात करते हैं, वही अंदाज आपकी पहचान बन जाता है और आपके भविष्य का आधार भी।




जिंदगी के अनमोल सफर में सहयोग के बीज बोने चाहिए क्योंकि सहयोग से कठिन रास्ते आसान हो जाते हैं। विश्वास के बीज ऐसे होते चले जाओ कि लोग आप की मिसाल देने पर मजबूर हो जाएं, आपकी महानता के गीत गाने पर विवश हो जाएं और आपकी जिंदगी के उदाहरण देने की लोगों को आदत पड़ जाए। जिंदगी की सफलता आपके द्वारा किए गए कामों से जानी जाती है, आपके द्वारा कहे गए शब्दों से जानी जाती है, और आपके द्वारा प्रस्तुत किए गए चरित्र से आंकी जाती है। आपने कितनी ऊंचाई को छुआ है, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है। बल्कि आपने लोगों का विश्वास कितना जीता है इस पर निर्भर करता है कि आप कितनी बड़ी सफलता प्राप्त करेंगे। आप अपनी कोशिशों से भविष्य के साम्राज्य का डंका बजा सकते हैं।




असाधारण सफलता के लिए एक असाधारण टीम की आवश्यकता होती है और टीम को बनाने के लिए विश्वास की आवश्यकता होती है। जिस प्रकार लोहे की कड़ियों को आपस में जोड़कर जंजीर बनाई जाती है। उसी तरह विश्वास की डोर को पकड़कर टीम का निर्माण किया जाता है। आप जैसा व्यवहार दूसरों के साथ करते हैं, वैसा ही व्यवहार दूसरे लोग आपके साथ करते हैं। इसलिए आप दूसरों के साथ बात करते समय सिर्फ अपनी सफलता की बात ना करें। बल्कि सभी की सफलता की बात करें। यदि आप सफल हो जाएंगे तो इसमें आपको क्या मिलेगा, यह ना बताएं। आपकी टीम के लोगों क्या मिलेगा और दुनिया के लोगों को क्या मिलेगा, यह बताने का प्रयास करें क्योंकि हर व्यक्ति कहीं न कहीं अपने निजी स्वार्थों के लिए ही इकट्ठा होता है। आप उनके निजी स्वार्थों की पूर्ति के लिए बोलना शुरू कर दें, तो आपके अपने निजी स्वार्थ पूरे हो जाएंगे। आप दूसरे लोगों के सपने को पूरा करने के लिए सहयोगी बन जाएं, लोग आपके सपने को पूरा करने के लिए सहयोगी बन जाएंगे।

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